श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय Shri Kallaji Vedic Vishvavidyalaya
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विश्वविद्यालय पुस्तकालयः महर्षि यास्क केन्द्रीय ग्रंथालय :
महर्षि यास्क केन्द्रीय ग्रंथालय, श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय का हृदय है। यह ज्ञान का विशाल भंडार है जो विद्यार्थी, शोधकर्ता, शिक्षक और ज्ञानपिपासु को प्रेरित करता है। पुस्तकालय विभिन्न संकायों में ज्ञान संवर्धन और अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्वविद्यालय परिसर के मध्य में स्थित, इस ग्रंथालय में 15,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह है, जिसमें वेद, पुराण, साहित्य, ज्योतिष, योग और अन्य शास्त्रों के अतिरिक्त आधुनिक विषय यथा प्रवन्धन, विधि आदि के ग्रंथ शामिल हैं। विभिन्न विषयों के लघुशोध एवं संस्कृत शोध पत्रिकाओं के 500 से अधिक पुराने अंक उपयोगार्थ संग्रहीत है। ग्रन्थालय में धर्मशास्त्र, वेद-विज्ञान, व्याकरण, ज्योतिष, दर्शन, शिक्षा तथा कोष इत्यादि विषयों पर देश-विदेश में प्रकाशित महत्वपूर्ण ग्रन्थों का संग्रह है। संस्कृत वाङ्घय के अन्तर्गत प्रकाशित दुर्लभ ग्रन्थों तथा अप्रकाशित पाण्डुलिपियों का संवर्धन एवं संरक्षण करने के लिए प्रयासरत है। इस प्रकार यह विद्यार्थी तथा शोधार्थी के लिए एक अमूल्य खजाना है।
यह ग्रंथालय केवल पुस्तकों का संग्रह नहीं है, अपितु ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत है। ग्रंथालय में 100 से अधिक हस्तलिखित पांडुलिपियां भी हैं, जो अतीत के ज्ञान का परिचायक हैं। यह पुस्तकों, पत्रिकाओं, जर्नलों और समाचार पत्रों का व्यापक संग्रह प्रदान करता है, जो ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त आगम-निर्गम सेवा, विवलियोग्राफी मेवा, मामयिक अभिज्ञता सेवा, चयनित सूचना प्रसार मेवा, संदर्भ सेवा और सूचना प्रबन्धन सहित विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है। नियमित समाचार पत्र उपलब्ध है। ग्रन्थालय में वेदपाठी छात्रों के अध्ययन हेतु पुस्तकालय में केविन एवं मौ से अधिक छात्रों की बैठक व्यवस्था उपलब्ध है। इस प्रकार आधुनिक सुविधाओं से मुमज्जित यह पुस्तकालय पुरातन और नवीन ज्ञान को प्राप्त करने करा एक सशक्त माध्यम है।
बुक बैंक की स्थापना : केन्द्रीय पुस्तकालय में निर्धन छात्र-छात्राओं के लिए बुक बैंक की स्थापना की गई हैं, जिसमें छात्रों से पुरानी पुस्तकें प्राप्त कर उनका संग्रह कर निर्धन छात्रों को उपलब्ध कराई जा रही है।